नई दिल्ली/श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। हमले में अब तक 26 पुरुषों की मौत की पुष्टि हुई है। मृतकों में नेपाल और यूएई के नागरिकों के अलावा भारत के खुफिया विभाग (आईबी) के एक अधिकारी और भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल भी शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो इस वक्त सऊदी अरब की यात्रा पर थे, हमले की गंभीरता को देखते हुए दौरा बीच में छोड़कर तत्काल दिल्ली लौट आए। एयरपोर्ट पर पहुंचते ही पीएम मोदी ने उच्चस्तरीय आपात बैठक की। इसके बाद वह सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCS) की बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
गृह मंत्री अमित शाह भी तुरंत सक्रिय हो गए। श्रीनगर पहुंचने के बाद उन्होंने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के साथ अहम बैठक की। जानकारी के अनुसार, इस हमले को अंजाम देने वाले चार आतंकियों में से तीन पाकिस्तानी नागरिक और एक स्थानीय कश्मीरी था।
हमले के चश्मदीदों के मुताबिक, आतंकियों ने पहले घोड़े पर सवार सैलानियों से उनका मजहब पूछा और फिर पहचान होने पर उन पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। बताया जा रहा है कि करीब 50 राउंड गोलियां चलाई गईं। इस हमले में पर्यटकों को जानबूझकर निशाना बनाया गया, जिससे घाटी में पर्यटन को नुकसान पहुंचे।
सूत्रों के अनुसार, आतंकियों का मकसद पर्यटकों के बड़े समूह पर हमला कर दहशत फैलाना था। हमला सुनियोजित था और इसके बाद सभी आतंकी फरार हो गए। सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी है और सर्च ऑपरेशन जारी है।
इस भीषण हमले के बाद देशभर में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा फूट पड़ा है। सोशल मीडिया पर ‘PoK वापस लो’ की मांग जोर पकड़ रही है। कई नेताओं और आम नागरिकों ने केंद्र सरकार से आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कदम उठाने की अपील की है।
अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वैंस ने भी पहलगाम हमले पर दुख जताते हुए भारत को हरसंभव समर्थन का आश्वासन दिया है।
सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि आने वाले दिनों में और भी हमलों की कोशिश की जा सकती है। लिहाजा घाटी में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है और विशेष सुरक्षा बलों की अतिरिक्त तैनाती की जा रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया है कि “आतंक के खिलाफ लड़ाई में कोई ढील नहीं बरती जाएगी। हर बलिदान का जवाब दिया जाएगा।” गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा, “आतंकी किसी भी कीमत पर बख्शे नहीं जाएंगे।”
देश इस समय एकजुट है और पूरे जोर-शोर से आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की मांग कर रहा है।
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