☀️
–°C
Fetching location…
🗓️ About Join Us Contact
☀️
–°C
Fetching location…

Updates

Categories

Join US

दिल्ली से पाकिस्तान तक हलचल! पीएम मोदी की सीक्रेट मीटिंग में बना ‘एक्शन प्लान’


नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए दिल दहला देने वाले आतंकी हमले के बाद देश की राजनीति और सुरक्षा व्यवस्था में हलचल तेज़ हो गई है। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की मौत ने पूरे देश को झकझोर दिया है। अब भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक रुख अपनाते हुए हर स्तर पर जवाबी कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल के साथ एक बेहद अहम बैठक की। सूत्रों के मुताबिक यह बैठक करीब एक घंटे चली, जिसमें जम्मू-कश्मीर की मौजूदा सुरक्षा स्थिति, आतंकी नेटवर्क्स की पहचान और पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाने की रणनीति पर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक के फौरन बाद प्रधानमंत्री ने गृह सचिव गोविंद मोहन से भी मुलाकात की, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार किसी ठोस फैसले की ओर बढ़ रही है।

हमले के बाद मोदी सरकार एक्शन मोड में

पहलगाम हमले के बाद पीएम मोदी ने अपनी सऊदी अरब यात्रा तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी थी और दिल्ली लौटते ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और विदेश सचिव विक्रम मिस्री के साथ आपात बैठक की थी। इसके अगले ही दिन, यानी 23 अप्रैल को, कैबिनेट की सुरक्षा मामलों की समिति (CCS) की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए — जिनमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना और अटारी-वाघा सीमा को अस्थायी रूप से बंद करने जैसे कठोर कदम शामिल हैं।

खुली छूट और जवाबी कार्रवाई की तैयारी

29 अप्रैल को प्रधानमंत्री ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ 90 मिनट की हाई-लेवल बैठक की थी। इसमें स्पष्ट निर्देश दिए गए कि सेना को जवाबी कार्रवाई के लिए समय और तरीका तय करने की पूरी आज़ादी दी जा रही है। अगले ही दिन, 30 अप्रैल को, पीएम ने विदेश मंत्री और सेना प्रमुख के साथ फिर से समीक्षा बैठक की।

इसके बाद 5 मई की बैठक ने साफ संकेत दे दिया है कि भारत अब प्रतीक्षा की नीति से बाहर आ चुका है। सरकार की प्राथमिकता अब आतंकी नेटवर्क को जड़ से खत्म करने और उनके समर्थनकर्ताओं को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बेनकाब करने की है।

पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक और सैन्य दबाव

भारत ने न केवल सिंधु जल संधि को स्थगित किया है, बल्कि पाकिस्तानी नागरिकों को दिए गए वीजा रद्द करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। खुफिया एजेंसियों को जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकी स्लीपर सेल्स की पहचान और कार्रवाई का निर्देश मिला है। एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) की टीम हमले की गहराई से जांच कर रही है और सीमापार आतंकी नेटवर्क से जुड़े सबूत इकट्ठा किए जा रहे हैं।

क्या बड़ा कदम उठा सकती है सरकार?

पिछले एक सप्ताह में हुई बैठकों और लिए गए फैसलों से संकेत साफ है- भारत सरकार कूटनीतिक बयानबाजी से आगे निकलकर ज़मीनी स्तर पर ठोस कार्रवाई की दिशा में बढ़ चुकी है। सेना को फ्री हैंड देना, कूटनीतिक दबाव बनाना और आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना इस रणनीति का हिस्सा है।

अब निगाहें इस पर टिकी हैं कि क्या सरकार बालाकोट की तर्ज पर एक और सर्जिकल या एयर स्ट्राइक की ओर बढ़ेगी, या फिर पाकिस्तान के खिलाफ कोई नया अंतरराष्ट्रीय मोर्चा खोलेगी।


हमले के बाद जिस तरह से सरकार ने तीव्र और निर्णायक कदम उठाए हैं, उससे यह साफ है कि आने वाले दिनों में कुछ बड़ा होने जा रहा है। पहलगाम की घटना अब केवल एक आतंकी हमला नहीं रही — यह भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति में एक बड़े मोड़ का संकेत बन चुकी है।

https://f24.in/pm-modi-secret-action-plan

पिछली खबर: जातिवार जनगणना से बदल सकती है ओबीसी की तस्वीर, कई जातियां सूची से बाहर भी हो सकती हैं

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ताज़ा समाचार

और पढ़ें

प्रमुख समाचार