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ध्यान आत्मा की खोज का साधन है,भारतीय संस्कृति की प्राचीन एवं उत्कृष्ट साधना ध्यान साधना है – डॉ. उमर अली शाह


World Meditation Day 2024:आंध्र प्रदेश,पीठापुरम। दुनिया भर में शनिवार यानी आज पहली विश्व ध्यान दिवस या वर्ल्ड मेडिटेशन डे मनाया गया। विश्व ध्यान दिवस के अवसर पर स्थानीय श्री विश्व विज्ञान विद्या आध्यात्मिक पीठम के नवम पीठाधिपति डॉ. उमर अली शाह ने अपने आशीर्वाद भाषण में कहा कि ध्यान आत्मा की खोज का साधन है। 

श्री विश्व विज्ञान विद्या आध्यात्मिक पीठम के नूतन आश्रम के ध्यान मंदिर में आयोजित ध्यान अभ्यास को नवम पीठाधिपति डॉ उमर अली शाह ने संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति की प्राचीन एवं उत्कृष्ट साधना ध्यान साधना है। ध्यान का मूल स्वयं  पर का ध्यान केन्द्रितकरना है। डॉ. उमर अलीशा ने कहा कि इस पीठ में आत्मज्ञान त्रय, मंत्र साधना, ज्ञान साधना और ध्यान साधना स्वयं और दूसरे के लिए हैं।  

पीठम सेंट्रल कमेटी के सदस्य श्री एवीवी सत्यनारायण ने ध्यान के अभ्यास के बारे में बताया और कहा कि ध्यान से अंतर्ज्ञान विकसित होता है। पीठ के संयोजक श्री पेरुरी सुरीबाबू ने कहा कि ध्यान योग का एक हिस्सा है और कहा कि योग के माध्यम से आप शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं और शांतिपूर्ण जीवन जी सकते हैं। साथ ही ध्यान के माध्यम से आप किसी भी बड़ी समस्या को हल करने की मानसिक शक्ति प्राप्त कर सकते हैं। छोटा सा.  इस कार्यक्रम में श्री एस. कृष्ण कुमार ने तकनीकी सहायता प्रदान की। इस कार्यक्रम में सैकड़ों सदस्यों ने भाग लिया।

-संयुक्त राष्ट्र महासभा से पास हुआ था प्रस्ताव

जानकारी के लिए बता दें कि 6 दसंबर 2024 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस घोषित किया। भारत ने इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस प्रस्ताव का पारित होना ऐसे समय में शांति, स्थिरता और मानव कल्याण को बढ़ावा देने की आवश्यकता को रेखांकित करता है, जब विश्व संघर्षों और पीड़ा का सामना कर रहा है। यह ध्यान की परिवर्तनकारी क्षमता की वैश्विक स्वीकृति का एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर भी है।

– 21 दिसंबर को World Meditation Day मनाने का महत्व उत्तरायण की शुरुआत आंतरिक चिंतन के लिए शुभ

21 दिसंबर बेहद शुभ दिन होता है। इस दिन शीतकालीन संक्रांति होती है और इसी दिन से भारतीय परंपरा में इसे उत्तरायण के आरंभ के रूप में देखा जाता है, जो ध्यान और आंतरिक चिंतन के लिए एक शुभ समय माना जाता है।

https://f24.in/meditation-is-a-means-of-exploring-the-soul

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