नई दिल्ली. आम आदमी पार्टी (AAP) संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की याचिका पर आज (सोमवार) दिल्ली हाईकोर्ट में अहम सुनवाई होनी है। यह याचिका उस जमानत के खिलाफ दायर की गई है, जो केजरीवाल को एक्साइज पॉलिसी घोटाले में मिली थी।
क्या फिर जेल जाएंगे केजरीवाल?
इस केस की अहमियत इसलिए भी बढ़ जाती है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2024 में केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी थी ताकि वे लोकसभा चुनाव प्रचार कर सकें। इसके बाद निचली अदालत ने भी उन्हें नियमित जमानत दे दी थी, लेकिन ED की आपत्ति के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगा दी थी। आज दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस रविंदर दुजेदा की बेंच इस मामले पर सुनवाई करेगी।
ED और केजरीवाल आमने-सामने
इससे पहले, 17 जनवरी को ED ने हाईकोर्ट में जमानत को चुनौती दी थी, जिस पर केजरीवाल के वकील ने विरोध जताते हुए कार्यवाही पर रोक लगाने की अपील की थी। दिलचस्प बात यह है कि ED की ओर से पेश होने वाले अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू सुनवाई के लिए उपलब्ध नहीं थे, जिस कारण एजेंसी ने स्थगन की मांग की थी। इस पर केजरीवाल के वकील विक्रम चौधरी ने आपत्ति जताई और ED पर ‘जानबूझकर मामले को लटकाने’ का आरोप लगाया।
गिरफ्तारी, जमानत और कानूनी दांव-पेंच
अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च 2024 को मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया गया था। यह मामला 2021 में लाई गई दिल्ली सरकार की नई शराब नीति से जुड़ा है, जिसे 2022 में रद्द कर दिया गया था। आरोप है कि इस नीति में घूस और भ्रष्टाचार हुआ, जिससे कुछ कंपनियों को फायदा पहुंचा। 26 जून को एक और भ्रष्टाचार मामले में उनकी दूसरी गिरफ्तारी हुई।
ED ने 20 जून 2024 को उनकी जमानत रद्द करने के लिए याचिका दायर की थी, जिसके बाद 25 जून को हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले पर रोक लगा दी। 9 जुलाई को केजरीवाल ने हलफनामा दाखिल कर ED के आरोपों को ‘झूठा और मनगढ़ंत’ बताया था। बाद में 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी थी।
क्या बोले केजरीवाल?
AAP प्रमुख ने बार-बार यह दावा किया है कि उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप राजनीति से प्रेरित हैं। उन्होंने कहा कि ED के पास उनके खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं हैं और यह पूरा मामला महज एक “राजनीतिक साजिश” का हिस्सा है।
क्या केजरीवाल को बड़ी राहत मिलेगी?
अगर हाईकोर्ट ED की अपील को स्वीकार कर लेता है, तो केजरीवाल की जमानत रद्द हो सकती है और उन्हें दोबारा जेल जाना पड़ सकता है। वहीं, अगर अदालत जमानत बरकरार रखती है, तो केजरीवाल को बड़ी राहत मिलेगी। अब सबकी नजरें इस अहम सुनवाई के फैसले पर टिकी हैं, जो दिल्ली की सियासत में एक बार फिर हलचल मचा सकता है।
ये भी खबर पढ़ें:
https://f24.in/kejriwal-bail-ed-action-update
Leave a Reply