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युद्ध जैसी स्थिति में कैसे बचाएगा ‘सायरन’? जोधपुर में मॉक ड्रिल की पूरी तैयारी, 7 मई को होगा अभ्यास

जोधपुर में 7 मई को मॉक ड्रिल: सायरन से युद्ध जैसी स्थिति की तैयारी

जोधपुर। हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव गहराता जा रहा है। ऐसे में देश की सुरक्षा तैयारियों को परखने और आम नागरिकों को सतर्क रहने का अभ्यास कराने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 7 मई को पूरे देश में ‘एयर रेड सायरन’ मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्देश दिया है। राजस्थान के सीमावर्ती जिले जोधपुर में इस अभ्यास को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

क्या है मॉक ड्रिल का उद्देश्य?

मॉक ड्रिल का मकसद युद्ध या हवाई हमले जैसी आपात स्थिति में आम नागरिकों की तत्परता को परखना और उन्हें जागरूक करना है। इस दौरान लोगों को बताया जाएगा कि सायरन की आवाज सुनते ही उन्हें कैसे प्रतिक्रिया देनी चाहिए और किस तरह सुरक्षित स्थानों तक पहुंचना है।

जोधपुर में तगड़ी तैयारियां

जोधपुर में सिविल डिफेंस की टीम ने मॉक ड्रिल को लेकर व्यापक योजना बनाई है। जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने बताया कि शहर में 18 स्थायी और 3 मोबाइल सायरन लगाए गए हैं, जिनकी रेंज तीन किलोमीटर तक है। ये सायरन हवाई हमले जैसी स्थिति में अलर्ट जारी करेंगे।

दो तरह के सायरन-दो संकेत

ड्रिल के दौरान दो प्रकार के सायरन बजेंगे:

  • पहला सायरन: रुक-रुक कर बजने वाला, जो खतरे की चेतावनी देगा और नागरिकों से सुरक्षित स्थान पर जाने की अपील करेगा।
  • दूसरा सायरन: एक समान, लंबा सायरन, जो यह संकेत देगा कि अब खतरा टल गया है और सामान्य स्थिति बहाल हो चुकी है।

400 जवानों की तैनाती

जोधपुर में करीब 400 सिविल डिफेंस जवानों को तैनात किया गया है। ये जवान शहर के विभिन्न हिस्सों में जाकर मॉक ड्रिल से जुड़े दिशा-निर्देशों के बारे में लोगों को जानकारी देंगे और व्यवहारिक प्रशिक्षण देंगे।
साथ ही, चिकित्सा विभाग, दमकल सेवा और पुलिस प्रशासन को भी ड्रिल में शामिल किया गया है ताकि आपसी तालमेल की परख हो सके।

सायरन क्यों है ज़रूरी?

युद्ध जैसे हालात में जब समय सबसे अहम होता है, ऐसे में सायरन सिस्टम लोगों तक खतरे की सूचना तेजी से पहुंचाने में कारगर साबित होता है। यह न केवल जानमाल की सुरक्षा सुनिश्चित करता है बल्कि भीड़भाड़ और अफरातफरी को भी रोकने में मदद करता है।
भारत-पाक तनाव की पृष्ठभूमि में यह मॉक ड्रिल न सिर्फ सुरक्षा एजेंसियों की तैयारियों का परीक्षण है, बल्कि यह आम लोगों को भी एक ज़रूरी संदेश देती है-चेतावनी के संकेतों को समझें और सतर्क रहें।

https://f24.in/jodhpur-mock-drill-siren

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