जमशेदपुर,(झारखंड)। जमशेदपुर के मानगो इलाके में रविवार रात एक सनसनीखेज घटना ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया। कांग्रेस के पूर्व नेता जीतेंद्र सिंह के भाई संतोष सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई। संतोष सिंह, जो पेशे से ट्रांसपोर्टर थे और मानगो बाजार में कपड़ों की दुकान भी चलाते थे, स्कूटी से घर लौट रहे थे।
जानिए.. वारदात को अंजाम कब दिया गया
घटना रात करीब 8 बजे गुरुद्वारा रोड पर हुई। अपराधियों ने पहले से ही रास्ते की लाइटें बंद करवा दी थीं। जैसे ही संतोष सिंह मन्नान गली से गुजरे, उन पर तीन राउंड फायरिंग की गई। गोली उनकी पीठ पर लगी, जिसके बाद वह जान बचाने के लिए एक घर में घुसे। लेकिन हमलावरों ने घर में घुसकर उनके सिर में सटाकर गोली मार दी। चार गोली लगने से संतोष सिंह ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
स्थानीय लोगों के अनुसार, संतोष को 100 मीटर तक दौड़ाकर मारा गया। अपराधी करीब एक घंटे तक उनके घर के पास रेकी कर रहे थे। हत्या के बाद घटनास्थल से पुलिस ने चार खोखा बरामद किया।
पुरानी दुश्मनी और बदले की आग

पुलिस जांच में सामने आया है कि यह हत्या पुरानी रंजिश का परिणाम है। आरोप है कि रोहित दीक्षित ने अपने पिता डब्बू दीक्षित की 2014 में हुई हत्या का बदला लेने के लिए यह वारदात अंजाम दी। डब्बू दीक्षित की हत्या में जीतेंद्र सिंह और उनके भाई संतोष सिंह का नाम आया था, जिसके चलते दोनों को जेल भी भेजा गया था।
सूत्रों के मुताबिक, रोहित दीक्षित पिछले 10 दिनों से हत्या की साजिश रच रहा था। उसके गिरोह के सदस्य लगातार इलाके में सक्रिय थे। घटना उसी स्थान के पास हुई, जहां डब्बू दीक्षित की हत्या की गई थी।
परिवार में मातम, भतीजी की शादी का माहौल गम में बदला
संतोष सिंह के परिवार में भतीजी की शादी की तैयारियां चल रही थीं। 25 जनवरी को शादी है, और शादी के कार्ड बांटने के बाद ही संतोष घर लौट रहे थे। घटना के बाद परिवार में गम का माहौल है। संतोष के भाई जीतेंद्र सिंह ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि अपराधियों की पहचान हो चुकी है, लेकिन कार्रवाई में देरी हो रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि न्याय नहीं मिला, तो वे खुद इसका जवाब देंगे।
पुलिस की कार्रवाई
एसपी सिटी कुमार शिवाशीष ने कहा कि हमलावरों की पहचान हो गई है और उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। पुलिस ने इस मामले को सुलझाने के लिए विशेष टीम बनाई है।
पृष्ठभूमि: 2014 में डब्बू दीक्षित की हत्या

भाजपा कार्यकर्ता पशुपतिनाथ दीक्षित उर्फ डब्बू दीक्षित की 12 सितंबर 2014 को उनके घर के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस वक्त जीतेंद्र सिंह कांग्रेस में थे, जबकि डब्बू दीक्षित भाजपा के प्रभावशाली नेता थे। दोनों पड़ोसियों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था।
क्षेत्र में दहशत
हत्या के बाद से मानगो इलाके में दहशत का माहौल है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अपराधियों ने घटना को बड़े सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया। रास्ते की लाइटें बंद करवाने से लेकर हत्या के बाद मौके से फरार होने तक, सबकुछ योजनाबद्ध था।
संतोष सिंह की हत्या ने जमशेदपुर में कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस हत्या के पीछे पुरानी दुश्मनी और राजनीतिक रंजिश का गहरा असर नजर आ रहा है। पुलिस के लिए यह मामला न केवल कानून व्यवस्था की चुनौती है, बल्कि इलाके में शांति बहाल करने की जिम्मेदारी भी है।
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