नई दिल्ली। क्या कोरोना एक बार फिर हमारी दहलीज़ पर है? स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़े चौंकाने वाले हैं। देश में कोविड-19 के सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 3,395 हो चुकी है। केरल सबसे बड़ा हॉटस्पॉट बनकर उभरा है, जहां 1,336 एक्टिव केस दर्ज किए गए हैं। वहीं महाराष्ट्र में 467, और दिल्ली में 375 मरीज उपचाराधीन हैं। बीते 24 घंटों में 685 नए मामले सामने आए हैं और 4 लोगों की मौत हो चुकी है- दिल्ली, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश में एक-एक मौत दर्ज की गई है।
नए वेरिएंट्स ने बढ़ाई चिंता- NB.1.8.1 और LF.7
विशेषज्ञों के मुताबिक भारत में कोविड की इस नई लहर के पीछे NB.1.8.1 और LF.7 वेरिएंट्स जिम्मेदार हैं। ये दोनों वेरिएंट ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट्स हैं, जिनमें म्यूटेशन की वजह से यह पहले से अधिक संक्रामक बन चुके हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने NB.1.8.1 को अब “वेरिएंट ऑफ मॉनिटरिंग” घोषित कर दिया है, जो कि इसकी गंभीरता और फैलने की क्षमता को दर्शाता है।
बताया जा रहा है कि यह वेरिएंट XDV.1.5.1 नामक एक रिकॉम्बिनेंट वेरिएंट से विकसित हुआ है। इसका पहला सैंपल जनवरी 2025 में इकट्ठा किया गया था। चिंताजनक बात ये है कि इसमें ऐसे म्यूटेशन पाए गए हैं जो हमारी इम्यूनिटी को चकमा देने की क्षमता रखते हैं।
क्या वैक्सीन अब भी कारगर है?

साल 2019 से अब तक 130 से अधिक म्यूटेशन हो चुके हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि जिन लोगों में अच्छी एंटीबॉडी बनी हुई है, उनके लिए चिंता की बात नहीं है। लेकिन जिन लोगों का वैक्सीनेशन नहीं हुआ है, या जिनकी इम्युनिटी किसी बीमारी के चलते कमजोर हो गई है, उनके लिए यह नया वेरिएंट खतरनाक साबित हो सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि भले ही नए वेरिएंट्स तेजी से फैल रहे हों, लेकिन सामान्य और स्वस्थ लोगों के लिए यह वायरस अत्यधिक जानलेवा नहीं है। इसके बावजूद सावधानी जरूरी है- मास्क पहनना, हाथ धोना और भीड़भाड़ से बचना फिर से ज़रूरी होता जा रहा है।
क्या लौट रही है कोविड की लहर?
कोविड के मामलों में अचानक आई इस बढ़ोत्तरी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या यह सिर्फ एक अस्थायी उछाल है या फिर हम एक नई लहर की ओर बढ़ रहे हैं? विशेषज्ञों का मानना है कि अभी घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सतर्कता और जागरूकता ही इस संक्रमण की चेन तोड़ने में सबसे बड़ा हथियार हैं।
न डरें, पर लापरवाह भी न रहें
भले ही देश लॉकडाउन के बुरे दौर को पीछे छोड़ चुका है, लेकिन कोरोना वायरस अब भी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। नए वेरिएंट्स बार-बार ये याद दिला रहे हैं कि यह वायरस अब हमारे जीवन का हिस्सा बन चुका है- जिसे हमें स्मार्ट और जागरूक होकर ही हराना होगा।
जांच करवाएं, वैक्सीनेशन पूरा करें, और लक्षण नजर आएं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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