नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए हैं, जिनमें सिंधु जल संधि का निलंबन और राजनयिक संबंधों में कटौती शामिल है। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। शहबाज शरीफ सरकार ने भारत को कड़ी चेतावनी देते हुए अपने एयर स्पेस को भारतीय विमानों के लिए बंद कर दिया है।
भारत का कड़ा रुख
पहलगाम हमले में तीन सुरक्षाकर्मियों की जान जाने और कई के घायल होने के बाद भारत ने सीधे तौर पर पाकिस्तान पर आरोप लगाए हैं। भारत सरकार ने स्पष्ट कहा है कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन इस हमले के पीछे हैं। इसके जवाब में भारत ने:
- सिंधु जल संधि को निलंबित करने की प्रक्रिया शुरू की है।
- राजनयिक संबंधों में कटौती करते हुए भारतीय और पाकिस्तानी उच्चायोगों में कर्मचारियों की संख्या घटाकर 30 कर दी है।
- अटारी बॉर्डर चौकी को बंद करने का ऐलान किया है।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
भारत के फैसलों से बौखलाए पाकिस्तान ने अपने हवाई क्षेत्र को भारतीय विमानों के लिए बंद कर दिया है। पाक प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने गुरुवार को एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक बुलाई, जिसमें भारत के हालिया कदमों की समीक्षा की गई। इसके बाद पाकिस्तान ने ऐलान किया कि अब कोई भी भारतीय विमान, चाहे वह कमर्शियल हो या विशेष, पाकिस्तान के एयर स्पेस का उपयोग नहीं कर सकेगा।
पाकिस्तान के डिप्टी पीएम इशाक डार ने एक टेलीविजन चैनल से बातचीत में भारत के फैसलों को “जल्दबाज़ी और असंतुलित” बताया। उन्होंने कहा, “भारत के इन कदमों से दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ेगा, जिससे क्षेत्रीय शांति को गंभीर खतरा है।”
पीएम मोदी ने बदला उड़ान मार्ग

पहलगाम हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब जेद्दा से भारत लौटे, तो उनका विमान पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र से होकर नहीं गुजरा। जबकि हमले से एक दिन पहले जब वे जेद्दा जा रहे थे, तब उन्होंने पाकिस्तानी एयर स्पेस का इस्तेमाल किया था। इससे संकेत मिलता है कि भारत ने पहले ही पाकिस्तान के हवाई मार्ग से दूरी बनानी शुरू कर दी थी।
दक्षिण एशिया में भारत और पाकिस्तान के संबंध लंबे समय से तनावपूर्ण रहे हैं, लेकिन हालिया घटनाक्रम ने दोनों देशों के बीच दरार को और गहरा कर दिया है। सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यदि कूटनीतिक चैनलों के ज़रिए संवाद जल्द नहीं बहाल हुआ, तो इसका असर सिर्फ द्विपक्षीय रिश्तों पर नहीं, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता और वैश्विक एयर ट्रैफिक पर भी पड़ेगा।
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