☀️
–°C
Fetching location…
🗓️ About Join Us Contact
☀️
–°C
Fetching location…

Updates

Categories

Join US

मुंगेर एसपी की हत्या का आरोपी अरविंद यादव ऑपरेशन “डाकाबेड़ा” में मारा गया

ऑपरेशन डाका बेड़ा में मुंगेर एसपी अरविंद यादव की हत्या का आरोपी ढेर

झारखंड के बोकारो जिले के गुलु पहाड़ इलाके में सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन “डाकाबेड़ा” के दौरान बड़ी कामयाबी हासिल की है। इस अभियान में सुरक्षा बलों ने कुल आठ नक्सलियों को मार गिराया, जिनमें बिहार के जमुई जिले का कुख्यात माओवादी अरविंद यादव उर्फ अविनाश उर्फ नेता जी भी शामिल था। अरविंद पर बिहार सरकार ने तीन लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था।

अरविंद यादव भाकपा (माओवादी) की स्पेशल एरिया कमिटी का सदस्य था और उसके खिलाफ बिहार व झारखंड में कुल 85 आपराधिक मामले दर्ज थे। पुलिस के मुताबिक, वह बीते डेढ़ दशक से संगठन से जुड़ा था और कई बड़ी नक्सली घटनाओं में उसकी संलिप्तता रही थी।

गांव में पसरा सन्नाटा, घर पर ताला

अरविंद यादव के मारे जाने की खबर जब जमुई जिले के सोनो थाना क्षेत्र स्थित भेलवा मोहनपुर गांव पहुंची, तो पूरे गांव में सन्नाटा छा गया। उसके घर पर ताला लगा मिला और परिवार का कोई सदस्य भी मौजूद नहीं था। ग्रामीणों ने इस विषय में बात करने से साफ इनकार कर दिया। यहां तक कि स्थानीय लोग अरविंद का घर पहचानने से भी बचते नजर आए।

सूत्रों के अनुसार, घटना के बाद सुरक्षा बलों ने गांव में पहुंचकर परिवार से संपर्क साधने की कोशिश की, लेकिन घर पर कोई नहीं मिला।

भीषण वारदातों में रहा शामिल

अरविंद यादव का नाम वर्ष 2005 में मुंगेर के तत्कालीन एसपी केसी सुरेंद्र बाबू की हत्या में भी सामने आया था। 5 जनवरी 2005 को भीमबांध वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र में हुए बारूदी सुरंग विस्फोट में सुरेंद्र बाबू समेत छह पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। इस भीषण हमले में एसपी के अलावा जिप्सी चालक और चार अंगरक्षक भी मारे गए थे।

इसके अलावा 2009 में सोनो चौक पर सैप के चार जवानों की हत्या और बलथर पुल निर्माण के दौरान मजदूरों के अपहरण की साजिश में भी अरविंद की संलिप्तता रही थी। माओवादी संगठन में रहते हुए उसने बिहार-झारखंड क्षेत्र के प्रवक्ता के तौर पर भी काम किया था।

लगातार बदलता रहा ठिकाने

पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां अरविंद यादव की लंबे समय से तलाश कर रही थीं। बिहार के जमुई, बांका, मुंगेर, लखीसराय और झारखंड के गिरिडीह समेत कई जिलों में उसने नक्सली वारदातों को अंजाम दिया था। गिरफ्तारी से बचने के लिए वह लगातार अपना ठिकाना बदलता रहा।

संपत्ति जब्त, फिर भी बचता रहा गिरफ्तारी से

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अरविंद यादव की करोड़ों रुपये की संपत्ति जब्त की थी। पुलिस ने कई बार उसके घर पर छापेमारी और कुर्की की कार्रवाई भी की, लेकिन वह हर बार बच निकलने में कामयाब रहा। भेलवा मोहनपुर स्थित उसके पुश्तैनी मकान में उसके माता-पिता और एक भाई रहते हैं। तीन भाइयों में वह सबसे बड़ा था।

झारखंड पुलिस ने जारी की मारे गए नक्सलियों की सूची

बोकारो पुलिस ने पुष्टि की है कि इस मुठभेड़ में भाकपा माओवादी के सेंट्रल कमिटी सदस्य और एक करोड़ के इनामी नक्सली प्रयाग मांझी उर्फ विवेक भी मारा गया है। मुठभेड़ में मारे गए सभी नक्सलियों के नामों का खुलासा पुलिस द्वारा किया गया है।

ऑपरेशन “डाकाबेड़ा” को सुरक्षाबलों की बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा रहा है, जो क्षेत्र में नक्सली गतिविधियों पर करारा प्रहार माना जा रहा है।

https://f24.in/munger-sp-murder-accused-killed

पिछली खबर: संकट के बीच ममता बनर्जी का बड़ा ऐलान: स्कूलों में लौटें शिक्षक, वेतन सरकार देगी

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ताज़ा समाचार

और पढ़ें

प्रमुख समाचार