झारखंड के धनबाद जिले में भारी बारिश ने एक बार फिर सरकारी व्यवस्था की पोल खोल दी है। बरमसिया स्थित भारतीय खाद्य निगम (FCI) के गोदाम के पास रेलवे यार्ड में खुले आसमान के नीचे रखी गई चावल की हजारों बोरियां तेज बारिश में भीग गईं।
खास बात यह है कि मौसम विभाग ने पहले ही झारखंड में भारी बारिश को लेकर अलर्ट जारी कर दिया था। इसके बावजूद एफसीआई प्रबंधन ने चावल की बोरियों को सुरक्षित रखने के लिए कोई ठोस इंतज़ाम नहीं किए। प्लास्टिक कवर तक उपलब्ध नहीं थे, जिसके चलते सैकड़ों बोरियां पूरी तरह से भीग गईं।
गरीबों के हिस्से का चावल हुआ बर्बाद

यह वही चावल है जो गरीबों, जरूरतमंदों, आंगनबाड़ी केंद्रों और सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिड-डे मील के तहत दिया जाता है। अब सवाल यह उठता है कि क्या यह भीगा हुआ चावल लोगों को परोसा जाएगा? क्या यह अनाज अब स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित रह गया है?
गंभीर सवाल, मगर जवाबदेही गायब
इस लापरवाही का जिम्मेदार कौन है? क्या एफसीआई प्रबंधक पर कोई कार्रवाई होगी या फिर हमेशा की तरह फाइलों में जांच दबा दी जाएगी? स्थानीय सूत्रों का कहना है कि पहले भी इस तरह की घटनाएं सामने आई हैं, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
सरकार और प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
मौसम विभाग की चेतावनी को नज़रअंदाज़ करना और लाखों रुपये के चावल को यूं ही बरबाद हो जाने देना एक गंभीर प्रशासनिक चूक है। क्या राज्य सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करेगी या यह मामला भी ‘सिस्टम’ की चुप्पी में गुम हो जाएगा?
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