रांची, झारखंड: भाजपा नेता और सामाजिक कार्यकर्ता अनिल टाईगर की हत्या कोई सामान्य आपराधिक वारदात नहीं थी, बल्कि इसके पीछे था करोड़ों की जमीन और उसकी कथित दलाली से जुड़ा खौफनाक षड्यंत्र। रांची पुलिस ने कांके क्षेत्र में हुए इस हाई प्रोफाइल मर्डर मिस्ट्री का खुलासा करते हुए बताया कि यह हत्या एक सुनियोजित साजिश के तहत अंजाम दी गई, जिसकी पटकथा कोलकाता के एक होटल में लिखी गई थी।
जमीन कब्जे की विरोध बनी हत्या की वजह
अनिल टाईगर मूल रूप से कांके थाना क्षेत्र के गागी खटंगा गांव के रहने वाले थे। वे न केवल भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता थे, बल्कि सामाजिक मुद्दों पर भी मुखरता से अपनी आवाज उठाते थे। पुलिस के अनुसार, उन्होंने चामगुरु मौजा की करीब 10 एकड़ विवादित जमीन पर हो रहे अवैध कब्जे का विरोध किया था। यह जमीन खाता संख्या-1 के अंतर्गत कई प्लॉट्स में फैली थी, जिस पर रांची निवासी देवव्रत नाथ शाहदेव कब्जा जमाने की कोशिश कर रहे थे।
प्लॉट्स की सुरक्षा बनी जान की दुश्मन
देवव्रत शाहदेव का दावा था कि विवादित जमीन उनकी है, जबकि ग्रामीण और अनिल टाईगर इस दावे को खारिज करते रहे। अगस्त 2023 में जबरन दीवार खड़ी करने की कोशिश के दौरान अनिल ने इसका विरोध किया। जवाब में देवव्रत ने कांके थाना में मारपीट, तोड़फोड़ और रंगदारी मांगने के आरोप में अनिल समेत कई लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया।
4.5 करोड़ की ‘डील’ और पिस्टल तानने की धमकी
दिसंबर 2023 में हरमू के विनोद पासवान के घर पर दोनों पक्षों के बीच बैठक हुई। पुलिस का दावा है कि इस बैठक में अनिल टाईगर ने प्रति डिसमिल 50 हजार की दर से 4.5 करोड़ रुपये की मांग रखी और कहा कि यह राशि मिलने पर वे विरोध बंद कर देंगे। इसी बैठक में गुस्से से तमतमाए देवव्रत ने अनिल पर पिस्टल तान दी थी, लेकिन बात बनी नहीं।
सांसद का शिलान्यास कार्यक्रम भी बना हंगामे का कारण

जब जमीन पर रास्ता निर्माण कराने के लिए सांसद मद से कार्यक्रम तय हुआ, तो अनिल ने इसकी भनक लगते ही स्थानीय सांसद को पूरे मामले की जानकारी दी। विरोध इतना तीव्र हुआ कि सांसद को शिलान्यास कार्यक्रम रद्द कर वापस लौटना पड़ा।
कोलकाता में रची गई हत्या की साजिश
पुलिस ने खुलासा किया है कि हत्या की साजिश 12 मार्च को कोलकाता के उल्टाडांगा इलाके के एक होटल में रची गई थी। 18 मार्च को दो शूटर्स अमन सिंह और रोहित वर्मा रांची पहुंचे। इसके बाद 25 मार्च को अनिल टाईगर की हत्या कर दी गई।
हत्या की सुपारी, कुख्यात अपराधियों की संलिप्तता
मुख्य आरोपी देवव्रत शाहदेव ने कोतवाली थाना क्षेत्र के कुख्यात अपराधी अभिषेक सिन्हा उर्फ सूरज सिन्हा को हत्या की सुपारी दी थी। सूरज ने अपने नेटवर्क के अन्य अपराधियों के साथ मिलकर इस साजिश को अंजाम दिया। गिरफ्तार अपराधियों में अमन सिंह, रोहित वर्मा, जिसान अख्तर उर्फ जिसू, मनीष चौरसिया और अजय कुमार रजक शामिल हैं। सभी ने हत्या में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है।
पुलिस इस पूरे मामले को एक लैंड माफिया और राजनीतिक-आपराधिक गठजोड़ के तौर पर देख रही है। जिन 10 एकड़ जमीन की कीमत करोड़ों में है, उस पर कब्जे की लड़ाई एक जान की कीमत ले चुकी है। पुलिस अब इस केस में देवव्रत नाथ शाहदेव, अभिषेक सिन्हा और फरार अन्य आरोपियों की तलाश में छापेमारी कर रही है।
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