जुलाई से फंड नहीं : सरकार को 49.82 लाख रुपए की मांग का प्रस्ताव भेजा –
वर्धा,(महाराष्ट्र)। जुलाई माह में जिले के विभिन्न राजस्व मंडलों में भारी वर्षा दर्ज की गई। सात लोग मारे गए और चार गंभीर रूप से घायल हो गए। पशुओं की मौत के साथ-साथ मकान ढहने की भी घटनाएं हुई। जिला प्रशासन ने इस ओर ध्यान दिया और किसानों की सहायता के लिए सरकार को 49.82 लाख रुपये का प्रस्ताव भेजा। हालांकि, छह महीने बाद भी, बाढ़ पीड़ित अभी भी मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं क्योंकि धनराशि अब तक प्राप्त नहीं हुई है।
बारिश न होने के कारण जिला सुखाग्रस्त –
जिले में मानसून का पहला महीना सूखा रहा। हालांकि, बाद में हुई बारिश से बीज बह गए। जिले के पांच तहसीलों में भारी वर्षा दर्ज की गई। भारी बारिश के कारण बाढ़ और बिजली गिरने से मरने वालों की संख्या बढ़कर सात हो गई है। इसमें 62 लोगों की मौत हो गई। मृतकों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए प्रति व्यक्ति 4 लाख रुपये के हिसाब से 24 लाख रुपये का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया।
मुआवजे का प्रस्ताव इस प्रकार से –
एक व्यक्ति को इस सूची से बाहर रखा गया क्योंकि उसका शव नहीं मिला। घायल व्यक्तियों के लिए 5,400 रुपये प्रति व्यक्ति की दर से 21,600 रुपये तथा मृत पशुओं के लिए 17,000 रुपये प्रति पशु, कुल 1.3 लाख रुपये का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया। हालांकि, इस सम्बन्ध में सरकार से अबतक किसी भी तरह का धनराशि प्राप्त नहीं हुआ है। इसलिए भारी बारिश से प्रभावित किसानों को मुआवजे के लिए और भी इंतेजार करना पड़ सकता है।
1071 घर क्षतिग्रस्त हो गये
प्रशासन ने बताया कि जुलाई में हुई भारी बारिश के कारण 1,071 घर क्षतिग्रस्त हो गए। इनमें से 5 मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मकानों की अधिकतम संख्या 1,066 थी। 25 गौशालाएं क्षतिग्रस्त हो गईं।

यह वह सहायता है जो मिलनी थी।
प्राकृतिक आपदा प्रबंधन विभाग ने घोषणा की है कि मकान के पूरी तरह ढह जाने पर एक लाख रुपये, मकान के आंशिक ढह जाने पर 6,500 रुपये तथा गौशाला को हुए नुकसान पर 3,000 रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाएगी।
नुकसान के आंकड़े और मृतकों की संख्या –
प्रकार संख्या
बिजली गिरने से मौत 5
बाढ़ में मृत्यु 2
पशुओं की मृत्यु 62
घरों और गौशालाओं के नुकसान की संख्या –
……………
घरों को नुकसान
आंशिक रूप से: 1066
कुल: 05
गौशाला: 25
………………
राज्य भर मे यही हाल –
भारी बारिश के दौरान जानमाल की हानि की स्थिति में सहायता के मानदंडों में मामूली बदलाव किया गया है। वीपीडीए प्रणाली में सरकार को जानकारी प्रस्तुत करने के निर्देश थे। जिले की जानकारी सरकार को दे दी गई है। हालांकि, जब तक यह सूचना राज्य भर के अन्य जिलों की सरकारों तक नहीं पहुँचती, तब तक सरकार द्वारा धनराशि जारी नहीं की जाएगी। आवास पतन राहत कोष के लिए एक प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है ऐसी जानकारी जिला आपदा विभाग की ओर से दी है।
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Author: चेतन
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